Short Motivational stories in Hindi:- अपने आपको कभी किसी से कम मत समझो

Short Motivational Stories in Hindi:- अपने आपको कभी किसी से कम मत समझो


Change your inner dialogue to change your attitude


Motivational stories to increase instant self-confidence in Hindi








एक मारिया नाम की लड़की अपनी मम्मी के साथ अपार्टमेंट में रहती थी वो ज्यादा यंग नहीं थी ना कि  ज्यादा बूढी.वो ज्यादा लबी भी नहीं थी ज्यादा छोटी भी नहीं थी। वो बहुत खूबसूरत नहीं थी लेकिन ज्यादा बुरी भी नहीं लगती थी, वो एक average वूमन थी। वो बहुत बड़ी कंपनी में secretary  थी। उसकी लाइफ बहोत बोरिंग थी उसके उपर कोई ध्यान नहीं देता था।

एक दिन सुबह में जब काम पे जा रही थी तब वहा रास्ते में एक हेट की दुकान खुली थी वो दुकान बहुत ही अच्छी लग रही थी मारिया का भी दिल हुआ वहा जाने को ओर वो दुकान में गई। वहा एक छोटी लड़की अपनी मां के साथ हेट try कर रही थी दूसरो लोग की तरह। मारिया ने भी एक एक करके हेट try की mirror में देख के तब एक हेट मरिया को पसंद आई ओर बहोत साल बाद मरिया ने अपने आप को बहुत खूबसूरत देखा ।



तब एक हेट जो मरिया ने पहेनी तब उस बच्ची ने बोला ये हेट कितनी अच्छी लग रही है आन्टी पर ओर उस बच्ची की मां ने भी बोला आप इस हेट में बहोत खूबसूरत लग रही हैं। बाकी कस्टमर को भी मरिया अच्छी लगी उस हेट में ओर सब ने बोला आप बहुत खूबसूरत लग रही है। ओर मारिया ने mirror में देखा ओर बहुत साल बाद मरिया को अपना लुक अच्छा लग रहा था वो मुस्कुरा   रही थी ओर काउंटर के पास जाकर उस हेट का payment करके हेट खरीद ली 


ओर बहार निकल गई ओर उसको एक नया वर्ल्ड देख को मिल रहा था जैसे उसने कभी ना देखा हो उसने कभी वो खूबसरत कलर के फूल नोटिस नहीं  किए थे। ताज़ी हवा, रोड पर चल रहे लोग गाड़ी ये सब कभी नोटिस नहीं किए। वो रोज रोज जो कॉफी शॉप से गुजरती थी उधर एक यंग मैन बैठा था वो उसको बुलाया ओर बोला आज आप बहुत खूबसूरत लग रही है क्या में आपके लिए coffee ☕ खरीद सकता हूं?





वो मुस्कराते हुए चलती गई जेसे उसको कोई नयी खुशी मिल गई है जब को ऑफिस पहुंची वॉचमैन में दरवाजा खोला ओर मुस्कराते हुए गुड मॉर्निंग बोला जिसको कभी नोटिस नही किया। लिफ्ट वालो ने भी पूछा आपके लिए बटन दबा दे उपर जानेको। ऑफिस के स्टाफ ने जिन्होंने कभी नहीं देखा उन्होंने कहा आज आप बहुत सुंदर लग रही है मैनेजर ने भी लंच पे बुलाया पूछने के लिए उसको यह काम करके केसा लग रहा हैं।



जब  ये special दिन जब खत्म हुआ तब उसने सोचा आज बस के बजाय टैक्सी में घर जाएगी ओर एक टैक्सी रोकी तो दो टैक्सी मिल गई ओर पहेली वाली में बैठ कर  घर गई तब वो सोच रही  थी की आज का दिन कितना अच्छा था बदला हुआ था। 



थैंक्स टू माय न्यू हेट बोल रही थी जब वो घर पहुंची तब उसकी मां ने दरवाजा खोला ओर बोली आज तुम बहुत ही अच्छी लग रही हो तुम्हारी आंखे बहुत चमक रही  है तब मारिया ने बोला “हा, मोम ये सब मेरी न्यू हेट की वज़ह से हुआ है बहुत सालो मेसे आज का दिन बहुत अच्छा गया वो भी इस हेट की वजह से”


मारिया की मम्मी ने बोला 'न्यू हेट’! तुम कोनसी हेट की बात कर रही हो मुझे तो कोई हेट नहीं दिख रही?

तब मरिया में अपने माथे पे हाथ रखा और बोलने वाली थी कि ये हेट लेकीन जब उसमे माथे पे हाथ रखा तब कोई हेट नहीं थी तब मारिया tension में बोली इधर उधर देखा ओर बोली जिस हेट ने मेरी लाइफ change की वो नहीं है!

ओर याद करने लगी उसने कहा उसको छोड़ा ऑफिस में, टैक्सी मे दोनों में तो नहीं छोड़ी फिर उसने याद किया शॉप में उसका payment किया लेकिन वहा ही भुल गई उसने हेट वहा से नहीं ली!

अगर उसने वो हेट नहीं ली तो उसको आसपास सब हेट के बिना अच्छा केसे लग रहा था!



मारिया की इंटरनल हेट ने उसका दिन अच्छा बनाया था उसके अपने इंटरनल dialogues ने उसका दिन अच्छा बनाया था।

तब उसने परिवर्तन देखा उसे लगा वो हेट में अच्छी लग रही है इस लिए उसका attitudes, behaviour मे बदलाव आया।

इंटरनल dialogues behaviour को बनाता है!

Internal dialogues हमको ख़ुशी, energy, passions, उत्साह प्रदान करता है।

इसलिए हमे अपनी इंटरनल हेट को change करना है।

“Change inside and grow outside”

हम अपने आपसे अपने बारे क्या बोलते है वो हमारी जिंदगी जीने कि quality को बदलता है

 खुद से Positive बाते हमारी वैल्यू, कांफिडेंस, आत्म विश्वास बढ़ाता है।



सारी परेशानी हमारे अंदर से ही शुरू होती है हमारे विचारो से ओर उसका समाधान भी हमारे अंदर ही है 

हम अपने आप से पूरा दिन बात करते है ओर अंदर ही अंदर बोलते है कि में एक under confidence व्यक्ति हूं मेरी dressing style अच्छी नहीं है में अच्छा नहीं लगता/लगती.में किसी से अच्छे से बात नहीं कर पाता. 

ये सारी बाते ही हमारे confidence level को कम करता है ओर जब हम कम confidence होते है तब ये सारी बाते हमें कमज़ोर बनाती है uncomfortable बनाती है

ओर हमे बात करने में अपनी बात रखने में डर पैदा करती है हम फिर कम बोलते है, कम हस्ते है खुल के जी नहीं पाते।

इसकी वजह ये है कि

1. आप एक तो अपने आपको कम समझे है, दूसरो को स्मार्ट या अपने से ज्यादा अच्छा समजते।

2. आप अपने आपको दूसरो से compare करते है. ओर आप अपने आपको उस जैसा बनाना चाहते हो । ओर आप ऐसे नहीं हो तो अपने आप को फिर से कम समजते है दूसरो को अपने से ज्यादा वैल्यू देते है इस वजह से।

3. लोग क्या सोचेंगे क्या बोलेंगे आपके बारे में ऐसा सोच के अपना टेलेंट अच्छे से दिखाते नहीं ओर खुल के बात नहीं करते ओर जीते नहीं।

4. आप गलती करते हो बार बार ओर काम अच्छे से नहीं करते ओर लोग आपको बताते है टोक टे है फिर आपका self confidence low हो जाता है ओर दूसरी बार वो काम करने से या कोई नया काम करने से पिछे हटते है।





इसलिए हमे अपने आप पे विश्वास रखना है हमको दुसरो से compare नहीं करना चाहिए।

Compare करना ही है तो खुद को करो अपनी growth से करो. कॉम्पिटिशन करना ही है तो खुद से करो आप हर बार जीतोगे.




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